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आज के जमाने में ईमेल भेजना या फिर प्राप्त करना या फिर अगर कुछ सर्च भी करना हो तो वहाँ डाटा ट्रांसफर की प्रक्रिया आती ही है। इस जमाने में तो साइबर गुन्हेगार तो किसी कंपनी की या व्यक्ती की जानकारी हासिल करने के लिए डेरा जमाए बैठे ही होते है ऐसे में डाटा सुरक्षित होना काफी महत्वपूर्ण होता है। इसी के लिए कई जगहों पर AES तकनीक का इस्तेमाल कीया जाता है।
विषयसूची
AES ऐसी तकनीक है जहां हमारी जानकारी एक तरीके से छुपाई जाती है। इसे सिर्फ वही देख सकता है जिसने उसे छुपाया है।
AES का फूल फॉर्म Advanced Encryption System ऐसा है। इसमें Symmetric Block Cipher पद्धति का इस्तेमाल डाटा को इन्क्रिप्ट करने के लिए किया जाता है। मतलब encrypt और decrypt करने के लिए एक ही key का इस्तेमाल होता है। फिलहाल इस तकनीक का इस्तेमाल दुनिया भर ज्यादा तर कंपनिया करती है।
AES काम कैसे करता है?
जैसे दूसरे encryption पद्धति काम करती है वैसे ही ये डाटा को कोड में रूपांतरित करता है। वो भी एक key के जरिए और इसी key का इस्तेमाल करके उसे encrypt और decrypt किया जा सकता है। पर AES में थोड़ासा अलग तरीके से काम किया जाता है। इसमें जो कोड तयार होता है उसे उनकी जगह से अलग अलग तरीके हटाया जाता है इसलिए जिसके पास key नहीं है उसे कुछ भी पता नहीं चलेगा और किसी दूसरे तरीके से वो जानकारी पता भी नहीं कर पाएगा।
AES के प्रकार
भले ही इसमें encryption और decryption का तरीका एक जैसा ही है पर इसके प्रकार के अनुसार इसमें थोड़ा बदलाव दिखाई देता है। इसके प्रकार नीचे दिए है।
AES 128 bit Encryption Method : इसमें १२८ bit key का इस्तेमाल किया जाता है। जिसमें १० अलग अलग तरीकों से जानकारी को इन्क्रिप्ट किया जाता है। जिसमें 3.4*10^38 इतने अलग अलग प्रकार बनते है।
AES 192 bit Encryption Method : इसमें 192 bit key का इस्तेमाल किया जाता है। जिसमें १२ अलग अलग तरीकों से जानकारी इन्क्रिप्ट किया जाता है। जिसमें 6.2*10^57 इतने प्रकार होते है।
AES 256 bit Encryption Method : इसमें 256 bit key का इस्तेमाल किया जाता है। जिसमें १४ अलग अलग तरीकों से जानकारी को इन्क्रिप्ट किया जाता है। इसमें 1.1*10^77 इतने अलग अलग प्रकार होते है।
पर इतने प्रकार क्यों?
इसका इस्तेमाल किस लिए किया जाएगा इसपर वो आधारित है। AES २५६ ये सबसे मजबूत एन्क्रिप्शन का तरीका है। इसलिए इसे ज्यादा प्रोसेसिंग पावर, समय और संसाधन की जरूरत होती है। इसलिए इसका इस्तेमाल सरकारी कामों के लिए ज्यादा होता है। पर अगर कोई मोबाईल एप को सुरक्षित रखन है तो इसके लिए AES १२८ का इस्तेमाल किया जाता है।
ये इस प्रकार से काम करते है
Division and Expansion
इसमें आप जिसको मेसेज भेजना चाहते है उसे blocks of bits या rows में विभाजित((division) किया जाता है और फिर AES की मदद से इसे expand करते है। इसमें एक encryption key या round key को भी add किया जाता है।
Substitution
इसमें प्लेन टेक्स्ट को encrypted टेक्स्ट में रूपांतरित किया जाता है।
Shifting
ऊपर दिए गए encrypted टेक्स पंक्ति में है उसे एक पंक्ति से आगे धकेला जाता है बस पहली पंक्ति जैसी की वैसी होती है।
Mixing
अब इस encrypted और धकेले हुए पंक्तियों की खिचड़ी बनाई जाती है इससे हैकर को बस पंक्तियाँ खिसकाने जितना आसान काम नहीं रहेगा।
Round Key
पहले जो round kye तैयार की थी, उसकी मदद फिर एक बार इस खिचड़ी को encrypt किया जाता है।
Repeat
अब ऊपर दिए गए सारे स्टेप फिर दोहराए जाते है। पर ये दोहराने का आंकड़ा किस प्रकार इस्तेमाल कर रहें है इसपर निर्भर करता है। जैसे १२८ बिट में १० round का इस्तेमाल किया जाता है।
फायदे
सुरक्षा: अगर कोई हैकर brute force की मदद से काम सुरक्षित AES १२८ को क्रैक करने का प्रयास भी करेगा तो उसे १ अरब अरब साल लग जाएंगे।
कीमत :- AES encryption बिल्कुल मुफ़्त है।
सरलता :- ये तरीका इस्तेमाल करने के लिए काफी आसान है। इसलिए इसका इस्तेमाल कोई भी कर सकता है।
स्पीड :- और भी कई सारी encryption के तरीके है पर AES की स्पीड सबसे तेज है। इसलिए इसे काफी जल्दी encrypt किया जाता है और अगर key है तो decrypt भी काफी आसानी से हो जाएगा।
इस्तेमाल
सबसे पहली बार अमेरिका की सरकार ने इसका निर्माण करवाया था। उस व्यक्त हैकर ने मिलकर अमेरिका के सरकार के जरूरी कागजात brute force की मदद से हासिल कर लिए थे। इसलिए उस व्यक्त इसका निर्माण करवाया गया था। पर फिलहाल सभी नागरिकों को भी इसकी सुरक्षा का लाभ मिलता है।
व्हीपीएन
वीपीएन का काम आपकी जानकारी सुरक्षित रखना होता है। इसमें वीपीएन आपको अलग अलग सर्वर से जोड़ता है। जिसमें हमारी जानकारी सुरक्षित रखने के लिए AES का इस्तेमाल किया जाता है। पासवर्ड मैनेजर, वाईफाई, मोबाईल एप आदि इसका इस्तेमाल करते है।
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