पासवर्ड मैनेजर क्या है? | What is Password Manager in Hindi?

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इस समय हम सभी ऑनलाइन दुनिया में जी रहे है। और इस दुनिया में ऐसे कई दुकान है जहा हमें अकाउंट खोलने पड़ते है। उन्हे सुरक्षित रखने के लिए पासवर्ड भी लगाने पड़ते है। और सभी अकाउंट अलग पासवर्ड रखना भी जरूरी है।  

पासवर्ड मैनेजर क्या है

आपका गूगल, फेसबूक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, माइक्रोसॉफ्ट और डिस्कोर्ड आदि जगह पर अकाउंट तो होगा ही। और अगर इनके पासवर्ड याद रख सकरे इसलिए आप आसान पासवर्ड या फिर पासवर्ड में आप अपने नाम का इस्तेमाल करते है या फिर सभी अकाउंट को एक पासवर्ड लगाते है तो ये कुछ काम का नहीं है। आप कपड़े पहन कर भी नंगे है। लालत है आप पर।

हर अकाउंट को अलग पासवर्ड रखना काफी जरूरी है। गूगल जो पासवर्ड है वही पासवर्ड फेसबूक को भी रख रहे हो ये बेवकूफी मत करना। इसका रती मात्र फायदा नहीं होगा। क्योंकि हैकर आपकी जानकारी जमा कर सकता है और आपका एक भी पासवर्ड उसे मिल गया तो फिर वो पासवर्ड आपके सारे अकाउंट पर इस्तेमाल करेगा। इससे एक पासवर्ड की वजह से आपके सारे अकाउंट हैक हो सकते है। इसलिए ऐसा कारनामा बिलकुल ना करें।

अगर आप विद्यार्थी है या फिर किसी बड़ी कंपनी में काम करते है तो आपके कम से कम बीस अकाउंट तो होंगे ही और इतने अकाउंट के पासवर्ड याद रखना भी काफी मुश्किल होगा। इसलिए आपको पासवर्ड मैनेजर का इस्तेमाल करना चाहिए।\

password-hacking पासवर्ड मैनेजर

पासवर्ड मैनेजर क्या है?

इसके नाम से ही आप मतलब समझ सकते है की ये आपके पासवर्ड मैनेज कर सकता है। इतना ही नहीं ये आपके क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड नंबर भी सेव्ह कर सकता है। नोट्स भी सेव्ह कर सकता है। आपके अड्रेस भी सेव्ह कर सकता है। कुछ मैनेजर तो ऑनलाइन फॉर्म भी ऑटोमैटिक भर सकते है।

पासवर्ड मैनेजर आपके लिए स्ट्रॉंग और यूनीक पासवर्ड बना कर देते है। जब भी आपको लॉगिन करना होता है तब वो ऑटोमैटिक बस एक क्लिक में यूजरनेम और पासवर्ड आपके लिए भर देंगे।

पासवर्ड मैनेजर के लिए आपको बस एक पासवर्ड याद रखना होता है। उसको मास्टर पासवर्ड बोलते है। ये आपके पासवर्ड की एन्क्रिप्शन की होती है तो उसे भूलने जैसा बड़ा गुन्हा नहीं होगा।

पासवर्ड मैनेजर के प्रकार

इसके कुल तीन प्रकार है।

लोकल पासवर्ड मैनेजर

ये पासवर्ड मैनेजर आपके डिवाइस पर ही पासवर्ड सेव्ह करता है। इसलिए अगर कभी इंटरनेट नहीं भी होगा तो आप इसका इस्तेमाल कर सकते है। पर इसे आप सिर्फ एक ही डिवाइस पर इस्तेमाल कर सकते है।

भले ही इसकी कंपनी हैक हो जाए तब भी आपके पासवर्ड सुरक्षित रहेंगे। क्योंकि सारे पासवर्ड आपके डिवाइस में ही सेव्ह होते है। इसका बस एक नुकसान है वो ये अगर आपके डिवाइस में मैलवेयर घुस जाता है तो फिर ये पासवर्ड चोरी हो सकते है।

फायदेनुकसान
कंपनी हैक होने पर भी पासवर्ड सुरक्षित रहेंगे।हैक होने पर पासवर्ड भी हैक हो सकते है।
आम तौर पर मुफ़्त होते है।अगर डिवाइस खो दिया तो पासवर्ड भी भूल जाओ।
सिर्फ एक ही डिवाइस पर इस्तेमाल कर सकते है।
अगर एक से ज्यादा डिवाइस पर इस्तेमाल करना है तो फिर खुद से पासवर्ड सारे डिवाइस में अपडेट करने पड़ेंगे।

ब्राऊजर पासवर्ड मॅनेजर

आप कोई भी पासवर्ड मैनेजर का इस्तेमाल करते हो आपको उसमें एक पासवर्ड मैनेजर मिल ही जाएगा। गूगल क्रोम, सफारी, मोज़िला फायरफॉक्स, माइक्रोसॉफ्ट एज आदि ब्राउजर में इनबिल्ट मैनेजर मिलते है।

पर इसका एक बड़ा नुकसान ये है की अगर आप मोबाईल में गूगल क्रोम का इस्तेमाल करते है और लैपटॉप में माइक्रोसॉफ्ट एज का इस्तेमाल करते तो आपको दोनों ब्राउजर में पासवर्ड सेव्ह करना पड़ेगा। क्रोम के पासवर्ड का इस्तेमाल आप एज औटोफिल के फीचर के साथ इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। ये पासवर्ड मैनेजर

फायदेनुकसान
अनलिमिटेड पासवर्ड स्टोर कर सकते है।सिर्फ एक ही ब्राउजर का इस्तेमाल करना पड़ेगा।
अगर क्रोम का इस्तेमाल करते है तो डार्क वेब मोनिट्रिंग का फीचर मिलता है।क्लाऊड पासवर्ड मैनेजर से काम सुरक्षित है।
ऑटोमैटिक सिंक होते है।प्रायवसी बहुत कम है।
ब्राउजर की कंपनी चाहे तो आपके पासवर्ड देख सकती है।Zero Knowledge Architecture तकनीक का इस्तेमाल नहीं करते।
या फिर सरकारने मांगा तो आपकी सारी जानकारी दे सकती है।ब्राउजर हैक होने पर पासवर्ड भी लीक हो सकते है।

क्लाऊड पासवर्ड मैनेजर

सबसे अच्छा पर्याय क्लाउड पासवर्ड मैनेजर का ही है। क्योंकि इन्हे इस्तेमाल करने के लिए आप किसी भी ब्राउजर, लैपटॉप या मोबाईल का इस्तेमाल कर सकते है। ब्राउजर के लिए इक्स्टेन्शन मिलता है और मोबाईल के लिए एप मिल जाती है तो कोई भी मुश्किल नहीं होगी।

आपके सारे पासवर्ड एक क्लाउड सर्वर पर सेव्ह होते है। और वो ऑटोमैटिक सिंक होते रहते है। बस एक अच्छा पासवर्ड मैनेजर का इस्तेमाल करना जरूरी है। क्योंकि इन कंपनियों पर हमेशा हैकर की बुरी नजर होती है। उनके डेटाबेस हैक करने को कोशिश की जाती है। अगर इनके डेटाबेस हैक भी हो जाते है तब भी उन्हें कुछ नहीं मिलेगा क्योंकि उन्हे आपके बारें मे और आपके पासवर्ड के बारें में कुछ भी पता नहीं चलेगा। बस वो कंपनी जीरो नॉलेज आर्किटेक्चर का इस्तेमाल करनी चाहिए।

ये सुरक्षित होते है क्योंकि अगर आपके डिवाइस में मैलवेयर घुस भी जाता है तो आपके क्लाउड पासवर्ड मैनेजर को फरक नहीं पड़ेगा। आपको बस एक मास्टर पासवर्ड याद रखना होता है। वो स्ट्रॉंग होना चाहिए क्योंकि इसी के वजह से आपके बाकी के पासवर्ड सुरक्षित रहेंगे।

फायदेनुकसान
अनलिमिटेड पासवर्ड स्टोर कर सकते है।मास्टर पासवर्ड भूल गए तो पासवर्ड भी भूल जाओ।
ज्यादा तर कंपनीया Zero Knowledge Architecture तकनीक का इस्तेमाल करती है।इंटरनेट लगेगा।
इसलिए अगर कंपनी ब्रीच भी हो जाती है तो पासवर्ड लीक नहीं होंगे।कुछ एक्स्ट्रा फीचर्स के लिए पैसे देने होंगे।
ऑटोमॅटिक सिंक होते है।कुछ पासवर्ड मैनेजर अनलिमिटेड पासवर्ड का फीचर नहीं देते।
एंड टू एंड एंक्रिप्शन पद्धती का इस्तेमाल करते है।

क्या ये सुरक्षित होते है?

होते है। ज्यादा तर पासवर्ड मैनेजर जो प्रसिद्ध है वो सुरक्षित है। वे अलग अलग ऐल्गरिदम का इस्तेमाल कर आपके पासवर्ड सुरक्षित रखते है।

फिलहाल सभी पासवर्ड मैनेजर AES एन्क्रिप्शन पद्धती का इस्तेमाल करते है। जो की काफी मजबूत है।

जीरो नॉलेज आर्किटेक्चर- इस तकनीक का इस्तेमाल काफी काम कंपनीया करती है। अगर इस तकनीक का इस्तेमाल करने वाली कंपनी हैक हो जाती है तो हैकर आपके पासवर्ड नहीं मिलेंगे।

आपको बस एक ही पासवर्ड याद रखना होता है। जिसे मास्टर पासवर्ड कहा जाता है। वो सिर्फ आपको ही पता होता है अच्छी कंपनीया इसे सेव्ह नहीं करती। इसे भूलना आपकी सबसे बड़ी भूल होगी।

टू स्टेप वेरीफिकेशन का इस्तेमाल कर आप अपने मैनेजर के अकाउंट को और भी सुरक्षित कर सकते है। इससे आपके सिवा कोई भी इसमे लॉगिन नहीं कर पाएगा।

पासवर्ड मैनेजर इस्तेमाल करने के नुकसान?

आपके सारे पासवर्ड एक ही जगह होने के कारण अगर आपका पासवर्ड मैनेजर हैक हो जाता है तो सारे अकाउंट को धोका है। पर अगर टू स्टेप वेरीफिकेशन का इस्तेमाल करते है तो धोका काम होगा।

अगर आप बिना कुछ सोचे समझे कोई भी पासवर्ड मैनेजर का इस्तेमाल करते है तो वो काफी खतरनाक हो सकता है। प्ले स्टोर पर ऐसे नकली पासवर्ड मैनेजर भी मिल जाएंगे।

अगर आप लोकल पासवर्ड मैनेजर का इस्तेमाल करते है तो उसे मैलवेयर का धोका है। पर अगर आपका वॉल्ट इन्क्रिप्टेड है तो मास्टर पासवर्ड के अलावा इसे हैक नहीं किया जाएगा।

पासवर्ड मैनेजर इस्तेमाल करते समय आपको बस एक ही पासवर्ड याद रखना होता है। ये पासवर्ड आपके वॉल्ट की एन्क्रिप्शन की होता है। इसलिए अगर इसे भूल गए तो दूसरे पासवर्ड भूल जाओ।

अगर कंपनी का सर्वर डाउन हो गया या फिर इंटरनेट कनेक्शन वीक है तो फिर शायद दिक्कत हो सकती है।

आदर्श पासवर्ड कैसा होना चाहिए?

अगर आपके अकाउंट काम है या आपको पासवर्ड मैनेजर का इस्तेमाल करना है तो आप नीचे दिए गए टिप्स का इस्तेमाल कर सकते है। 

पासवर्ड में कभी भी अपनी निजी जानकारी का जैसे आपका नाम, गाँव का नाम आदि का इस्तेमाल ना करें।

पासवर्ड कम से कम १० कैरिक्टर का होना चाहिए जिससे उसे क्रैक करना थोड़ा मुश्किल हो जाएगा।

पासवर्ड स्मॉल लेटर, कैपिटल लेटर, स्पेशल कैरिक्टर और आंकड़ों का इस्तेमाल करें। कुछ जगह emoji का भी इस्तेमाल करने की सुविधा मिलती है।

अगर पासवर्ड याद नहीं रख सकते तो आप पासफ्रेज का इस्तेमाल कर सकते है।

पासवर्ड कभी भी किसी भी जगह लिख कर ना रखें। कागज या डायरी पर तो बिलकुल भी नहीं।

जहां हो सके वहाँ मल्टी फैक्टर ऑथेन्टकैशन का इस्तेमाल करें।

पासवर्ड कभी भी कागज या किसी असुरक्षित एप मे ना लिखे।

पास फ्रेज मध्ये तुम्ही एखादं वाक्य किंवा मोठ्या शब्दांचा वापर करू शकता.

पासफ्रेज में आप किसी वाक्य का या फिर बड़े शब्द का इस्तेमाल कर सकते है। जैसे cyberbandhu lai bhaari इसे आप cYb€₹B@ndhuLa1Bh@@r11 कुछ इस तरह से लिख सकते है। इस तरह के पासवर्ड को क्रैक करने के लिए हैकर कई जन्म लेने पड़ेंगे।

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